बदबू से बचने के लिए करती थी अगरबत्ती का इस्तेमाल
कभी कभी इंसान दिमागी रूप से कमजोर होंने पर कुछ ऐसा कर बैठता है की जिसकी उसको खबर तक नहीं होती ऐसा ही एक मामला वाराणसी से दिल को झकझोर देने वाला सामने आया है, जिसे सुनकर हर किसी के पैरो के तले से जमीन निकल जाएगी । दो बेटियां अपनी मां के शव के साथ एक साल तक घर पर रहीं। मां का शव पूरा कंकाल बन गया था लेकिन बेटियों ने न तो किसी को इसकी जानकारी दी और न ही अंतिम संस्कार करवाया। बेटियां मां के शव के पास ही रहती और वहीं खाना आदि भी खाती थीं। पिछले कई दिनों से दोनों लड़कियां घर से बाहर नहीं निकल रही थी तो पड़ोसियों ने इसकी जानकारी मृतक के रिश्तेदार को दी। जैसे ही रिश्तेदार मृतक महिला के घर पहुंचे को अंदर का नजारा देख सन्न रह गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंची तो देखा कि शव पूरी तरह से कंकाल बन गया है। पुलिस जब शव को बाहर निकालने लगी तो दोनों बेटियां उससे लिपट गईं और चिल्लाने लगी कि हम इनको नहीं ले जाने देंगे। पुलिस ने किसी तरह से लड़कियों को शव से पीछे हटाया और घर से बाहर निकाला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। पुलिस ने मृतका की दोनों बेटियों से पूछताछ की और पूछा कि मां का शव घर पर क्यों रखा था। यह पूरा मामला लंका थाना क्षेत्र के सामने घाट चौकी अंतर्गत आने वाले मदरवां का है, जहां एक सुनसान इलाके में 52 वर्षीय उषा त्रिपाठी नामक महिला का घर है। उषा के साथ उनकी दो बेटियां 27 वर्षीय बड़ी बेटी पल्लवी त्रिपाठी पोस्ट ग्रेजुएट है, जबकि छोटी बेटी वैश्विक त्रिपाठी 17 साल की है और दसवीं पास है रहती थीं। दोनों बेटियों ने बताया कि 8 दिसंबर 2022 को अचानक मां की तबीयत खराब हुई और उनकी मौत हो गई। ऐसे में मां की मौत के बाद संसाधन के अभाव के चलते दोनों बेटियों ने एक कमरे में शव को कंबल और चादर मे छिपा दिया था और अंतिम संस्कार नही किया। बदबू से बचने के लिए वो अगरबत्ती आदि का इस्तेमाल करती थीं। मकान के आसपास कोई पड़ोसी ना होने के चलते इसकी भनक लोगों को नहीं मिली। लड़कियों ने बताया कि इस एक साल में जो भी रिश्तेदार उनके घर आता था तो वो उनसे कह देती थी कि मां बीमार हैं और किसी से मिलना नहीं चाहती। रिश्तेदार भी चुपचाप चले जाते थे। पिछले कुछ समय से जब दोनों बेटियां घर के बाहर नहीं निकली तो आसपास के लोगों ने इसकी जानकारी उषा त्रिपाठी के मिर्जापुर में रहने वाले बहनोई धर्मेंद्र चतुर्वेदी को दी। इसके बाद धर्मेंद्र और उनकी पत्नी मौके पर पहुंचे और दरवाजा खुलवाया। घर का दरवाजा खुलते ही एक कमरे में दोनों बेटियां पल्लवी और वैश्विक अपनी मां उषा त्रिपाठी के शव के साथ बैठी हुई मिलीं। यह देखकर रिश्तेदार धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने इसकी सूचना थाने में दी।