कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है. सिद्धारमैया 20 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद पर संतोष करना पड़ा है. उनकी नाराजगी दूर करने के लिए आलाकमान ने उन्हें अहम मंत्रालय देने का भी वादा किया है. कांग्रेस ने गुटबाजी से बचने के लिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था. पार्टी ने ये चुनाव आलाकमान के नेतृत्व में लड़ा.हालांकि, समय समय पर प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया सीएम पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश करते रहे. कांग्रेस ने इस चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाते हुए प्रचंड जीत हासिल की. जीत के बाद कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में किसे मुख्यमंत्री बनाया जाए. चार दिन तक कर्नाटक से दिल्ली तक कई दौर की बैठकें हुईं. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को भी राजधानी तलब किया गया. आखिर में सिद्धारमैया इस रेस में आगे निकल गए. आलाकमान ने उन्हें सीएम की कुर्सी सौंप दी,