विदेश मंत्रालय ने सांसद सुशील रिंकू के सवाल पर बताया कि साल 2020 से अब तक पंजाब में 34.38 लाख लोगों को जारी हुए पासपोर्ट
इतने भारी आवेदन को संभालने के लिए सिर्फ 6 पासपोर्ट सेवा केंद्र और 9 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र
जालंधर, 17 दिसंबर।
पिछले तीन साल में पासपोर्ट हासिल करने वालों की संख्या राज्य में दोगुणी हो गई है जबकि पासपोर्ट सेवा केन्द्रों का ढांचा इसके मुकाबले में कुछ नहीं है। ये विचार सांसद सुशील कुमार रिंकू ने व्यक्त किए जिन्होंने संसद में इस विषय पर केंद्रीय विदेश मंत्रालय से सवाल पूछे हैं।इस सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया है कि जनवरी 2020 से लेकर नवंबर 2023 के बीच पंजाब में 34 लाख 38 हजार 298 लोगों को पासपोर्ट जारी किए गए हैं जबकि इस साल नवंबर तक 12 लाख 36 हजार से ज्यादा लोग पासपोर्ट ले चुके हैं।
लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू की तरफ से संसद में पंजाब में बढ़ रहे पासपोर्ट आवेदकों को संभालने के लिए विदेश मंत्रालय की तरफ से किए गए उपायों की जानकारी हासिल करने के लिए पूछे गए सवाल के जवाब में यह खुलासा हुआ है। विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि राज्य में साल 2020 में 5,09,411, 2021 में 6, 93, 209, 2022 में 9,99,104 और 2023 में नवंबर तक 12,36,574 लोग पासपोर्ट ले चुके हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लगने के कारण पासपोर्ट से संबंधित सेवाओं का बैकलॉग बढ़ गया जिसकी वजह से पासपोर्ट की फाइलें इतनी ज्यादा बढ़ गई। फिलहाल देश में 93 पासपोर्ट सेवा केंद्र और 434 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र चल रहे हैं जिसमें से 6 पासपोर्ट सेवा केंद्र और 9 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र पंजाब में कार्यरत है। सांसद रिंकू को दिए जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि पंजाब में पासपोर्ट आवेदकों की सुविधा के लिए सरकार की तरफ से 50 अस्थाई कर्मचारी 50 डाटा एंट्री ऑपरेटर व 5 मल्टीटास्क कर्मचारी तैनात किए गए हैं ताकि बढ़ रहे आवेदनों से आसानी से निपटा जा सके। हालांकि नए पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू ने कहा है कि लगातार बढ़ रही अर्जियों को देखते हुए केंद्र सरकार को नए पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने चाहिए और मौजूदा पासपोर्ट सेवा केदो की क्षमता में बढ़ोतरी करनी चाहिए ताकि लोगों को पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए लंबी-लंबी अप्वाइंटमेंट्स का सामना न करना पड़े।