मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में नववर्ष के अवसर पर आलौकिक मासिक हवन यज्ञ एवं विशाल चौंकी का आयोजन 31 दिसंबर को
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज की देख-रेख में हुआ। सर्व प्रथम मुख्य यजमान संजय अरोड़ा से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई। मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तों से कहा कि जिस मनुष्य के जीवन में संस्कारों का अभाव है वह व्यक्ति समाज और ईश्वर के निकट नहीं जा सकता। अगर संस्कार जीवन में है तो आज भी ध्रुव, प्रहलाद जैसी संताने धरती पर आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि ध्रुव के जीवन में वेद, वेदांत का ज्ञान संस्कारों से आया। आज का मनुष्य वस्त्र आदि से मनुष्य दिखता है लेकिन आचरण पशु तुल्य है। जिस व्यक्ति के जीवन से सत्य, करुणा, भावना चली गई हो वह मनुष्य जीते जी मुर्दे के समान होता है। अत: मनुष्य को सत्संग, भजन एवं आचरण के द्वारा जीवन को धन्य बनाना चाहिए तभी मानव जीवन का उद्देश्य सफल होगा। उन्होंने कहा कि नारायण की भक्ति में ही परम आनंद मिलता है। उसकी वाणी सागर का मोती बन जाती है। भगवान प्रेम के भूखे हैं। वासनाओं का त्याग करके ही प्रभु से मिलन संभव है। उन्होंने कहा कि वासना को वस्त्र की भांति त्याग देना चाहिए। आज-कल हम लोगों ने धर्म और शास्त्रों को सम्मान देना बिल्कुल कम कर दिया है। जिसके विपरीत परिणाम हमें देखने को मिल रहे हैं। आज-कल अगर कोई पाठशाला या गुरुकल में अध्ययन करके आता है तो उसे हम नाम मात्र के लिए भी सम्मान नहीं देते है लेकिन कोई थोड़ी सी भी पढ़ाई करके कोट-पेंट पहनकर आ जाता है तो हम लोग उसके पीछे भागते हैं। ये हम सबकी कमी है। उन्होंने कहा कि हमें अगर जीवन में कुछ करना है तो प्रभु राम को आराध्य बनाकर ही किया जा सकता है। जब हम राम को आदर्श बनाएंगे तो मन और तन के विकार स्वत: ही नष्ट हो जाएंगे। जब हम प्रभु राम को आराध्य बनाकर गौ, धर्म, शास्त्रों, गुरुओं और ब्राह्मणों को सर्वोच्च सम्मान देना प्रारंभ कर देंगे। उस दिन हमारे देश को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता।
इस अवसर पर
इस अवसर पर तम्मन्ना अरोडा,सी ए राजीव बांसल,एडवोकेट राज कुमार, रोहित भाटिया,सौरभ,रवि,समीर कपूर,सौरभ अरोडा, राकेश प्रभाकर बलजिंदर सिंह, अमरजीत सिंह,वावा जोशी, नवदीप,उदय,अजीत कुमार,गुलशन शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विवेक शर्मा, शाम लाल,अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, अशोक शर्मा,ठाकुर बलदेव सिंह, अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, साहिल,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी विशाल लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया