शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ से आंसू गैस के गोलों की बरसात के बीच किसानों के हौसले बुलंद है
22,फरवरी 2024 : शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ से आंसू गैस के गोलों की बरसात के बीच किसानों के हौसले बुलंद है। बॉर्डर पर बुधवार को नौजवानों की ओर से एक तरफ पतंगों के जरिये पुलिस के ड्रोन गिराने की कोशिश की गई, वहीं गोलों के धुएं से किसानों को बचाने के लिए मोहाली समेत पंजाब के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे नौजवानों की तरफ से चश्मे, मास्क, ग्लव्स आदि बांटे जा रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहले भी बसंत पंचमी के मौके पर नौजवानों ने पतंग उड़ाकर त्योहार मनाया था। किसानों ने गोलों के धुएं से बचने के लिए बॉर्डर के नजदीक बड़ी गिनती में गीली बोरियां का प्रबंध कर रखा था। साथ ही मिट्टी की बोरियों से भरी प्लास्टिक की थैलियों की भरी ट्रालियां भी खड़ी थीं, ताकि जरूरत पड़ने पर नदी के रास्ते आगे बढ़ा जा सके। किसानों ने हरियाणा पुलिस की तरफ से एक्सपायरी आंसू गैस के गोले उन पर दागने के आरोप लगाए। कहा कि एक्सपायरी गोले ज्यादा खतरनाक होते हैं, जिनसे आंखों में तेज जलन के साथ-साथ चपेट में आने वालों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो सकती है। किसानों ने कहा कि लेकिन फिर भी वह शांतिमय ढंग से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। किसान नेताओं के कहने पर ही आगे बढ़ा जाएगा।
25 नौजवानों की विशेष टीम बनाई
शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन फिलहाल नाजुक दौर से गुजर रहा है। इसके मद्देनजर किसान नेताओं ने करीब 25 नौजवानों की विशेष टीम बनाई है, जो हर गतिविधि पर नजर रखेगी, कि कहीं कोई गलत तत्व आंदोलन में घुस न सके। किसान नेता इसे लेकर पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने कुछ गलत लोगों को पकड़ा है। किसान नेताओं का मानना है कि इससे आंदोलन को नुकसान हो सकता है। वह शांतिमय ढंग से आगे बढ़ेंगे, फिर चाहे उन पर हरियाणा पुलिस कितने ही गोले बरसाए या फिर गोलियां चलाए। जोश के साथ होश में रहने की नसीहतबुधवार को शंभू बॉर्डर पर बिगड़े हालात के बीच नौजवानों को मंच से किसान नेताओं की ओर से जोश के साथ होश में रहने की लगातार नसीहत दी जाती रही। सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर जब कुछ नौजवानों की ओर से आगे बढ़ने पर हरियाणा साइड से आंसू गैस के गोले छोेड़े जाने लगे, तो किसान नेताओं ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए नौजवानों को पीछे किया। साथ ही सतनाम वाहेगुरु का जाप करके नौजवानों को शांत किया गया।
डल्लेवाल और पंधेर ने खुद किया किसानों का नेतृत्व
सुदेश तनेजा, राजपुरा। केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी समेत बाकी मांगों पर बातचीत के न्योते के बीच सुबह 11 बजे के दिल्ली कूच के तय कार्यक्रम के मुताबिक पहले से ही भारी गिनती में नौजवान, किसान, महिलाएं शंभू बाॅर्डर पर जुट चुके थे। करीब 14 हजार किसान बॉर्डर पर मौजूद थे। इसके अलावा 350 के करीब अन्य वाहन भी वहां थे। इस मौके किसान नेता डल्लेवाल ने साफ किया कि किसानों का इरादा शांति भंग करने का नहीं है, लेकिन मांगें मनवाने के लिए दिल्ली कूच करना चाहते हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के ट्वीट के बाद एडीजीपी इंटेलिजेंस जसकरण सिंह बराड़ और नरेंद्र भार्गव ने केंद्रीय नेताओं के साथ बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ाई। इसी बीच खनौरी में युवक की मौत के बाद किसानों ने बातचीत से इन्कार कर दिया। शाम करीब चार बजे पंधेर व डल्लेवाल खुद अगुवाई करते हुए नौजवानों के इकट्ठ के साथ बॉर्डर की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया। इसे देखते हुए हरियाणा पुलिस की तरफ से गोले दागे जाने लगे। धरना स्थल पर मौजूद किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि सरकार का बातचीत का न्योता आया था, लेकिन क्या सरकार सिर्फ बातचीत करना चाहती है या समय बर्बाद करने के लिए किसानों को गुमराह करना चाहती है। हमने उनसे कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह अपने ट्विटर पर बयान जारी करें की हम सभी फसलों पर एमएसपी कानून बनाने सहित सभी मांगों को मानने के लिए तैयार हैं।